नादान थी मेरी हरकतें सब कुछ आज़मा लेती थी, अब होशियार हो गयी हैं, पाँव रखने से पहले सोचने लगी हैं अब।
जब कभी फुर्सत मिले मेरे दिल का बोझ उतार दो,
"बहुत खुश रहने की कोशिश करता हूँ, लेकिन जब भी उनकी याद आती है, मुझे बहुत रुला जाती है।"
मेरे दिल का हाल क्या सुनाऊं, अकेले होना तो अपने दिल से पूछ लेना, वो सब बयां कर देगा।
बहुत दिनों बाद आज मेरा दिल ये सोचकर रो दिया,
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ टैग : दिल शेयर कीजिए
नाराज़ करने का इरादा है क्या, तू तो पहले ही मुझे अकेला छोड़ गई है।
मत बनाओ मुझे फुर्सत के लम्हों का खिलोना,
और जिसके कारण आप उदास है वो भी बिना कुछ बोले समज जाएगा.
मै बार बार तुम्ही को चुनुँगा वो भी बिना किसी get more info क्षण को गवाए!
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कहती थी सच है जो मैं तुम्हे बता रही, फिर भी मुझे बिन बात की सज़ा दी।
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो
दुखी मन रो रहा है तुझे सोच कर, के तू भी कभी सोचती है या नहीं?